
सावन माह का आज तीसरे सोमवार है और सुबह से ही जनपद कासगंज के शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। भक्त भगवान शिव पर जल, बेल पत्री भांग धतूरा और मिष्ठान चढ़ाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं।
यह तस्वीरें कासगंज शहर के शहर के मथुरा बरेली हाइवे पर स्थित आवास विकास कॉलोनी के समीप स्थित पाराना मठ मंदिर की हैं। यह मंदिर करीब 500 वर्ष पुराना बताया गया है और यह 16वीं शताब्दी का मंदिर है। यहां भगवान शिव की स्थापना की गई थी। मंदिर के पुजारी सुशील पांडेय कहते हैं कि इस मंदिर पर जो भक्त अपनी मनोकामना मांगता है वह मनोकामना पूरी होती हैं। और मंदिर में दूर दूर से शिव भक्त आकर पूजा अर्चना करते है।
🌿 सावन माह और सोमवार का पवित्र उत्सव
आज सावन माह का तीसरा सोमवार है और जनपद कासगंज (उत्तर प्रदेश) स्थित शिव मंदिरों में सुबह-सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। विशेष अवसर पर न्यासों, बेलपत्रों, धतूरे एवं भांग चढ़ाकर शिव जी की पूजा अर्चना हो रही है। (ब्रॉड संदर्भ: अन्य शहरों में सावन के पहले सोमवार पर भारी भीड़ होती है
📍 मंदिर स्थान और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
यहाँ की तस्वीरें मथुरा-बरेली हाईवे पर स्थित आवास विकास कॉलोनी के नज़दीक स्थित पाराना मठ मंदिर की हैं, जो एक लगभग 500 वर्ष पुराना शिव मंदिर माना जाता है। यह मंदिर 16वीं शताब्दी का संरचना है, जिसमें भगवान शिव की प्रतिष्ठा उस समय की स्थापत्य कला के अनुरूप की गई थी। (इस तरह की पुरानी विरासत नगरी यूपी में मिलती है
🕉️ पूजा विधि और भक्तों की श्रद्धा
- भक्त जल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, और मिष्ठान चढ़ाकर शिवलिंग की पूजा करते हैं।
- सुबह से ही मंदिरों में “हर हर महादेव” और “भोले का तेरा सहारा” जैसे मंत्रों और घोषणाओं की आवाज़ें गूंज रही हैं।
- भक्तों की शिवलिंग पर करेगुटि अर्पित करने की भीड़ इतनी है कि लाइनों में सुबह से सन्नाटा टूटता हुआ दिखाई देता है।
🧘 मंदिर की मान्यता और श्रद्धा भाव
- मंदिर के पुजारी सुशील पांडेय के अनुसार, यहां जो भक्त अपनी मनोकामना शिवजी से मांगकर आते हैं, उनकी इच्छा पूर्ण होती है।
- दूर-दूर से श्रद्धालु इस मठ में आते हैं, पूजन करते हैं और अपनी भावना प्रकट करते हैं।
- ऐसी मान्यताएँ ग्रामीण एवं नगर समाज में गहरे प्रतिष्ठित हैं: जैसे पवित्र जल से शिवलिंग स्नान करने से मनोकामना संपूर्ण होती है।
🧭 सावन सोमवारों की विशेषता
- सावन माह में शिव जी की पूजा विशेष रूप से सोमवार को महत्व रखती है। इस दौरान देशभर में शिव मंदिरों में महारैली लगती है, जैसे कनपुर, नोएडा, वाराणसी, हरिद्वार में पहली, दूसरी, तीसरी और अंतिम सोमवार पर भारी भक्त-सम्मिलन होता है
- तीसरे सोमवार को श्री शिव की विशेष श्रृंगार पूजन होती है—जिसे Ardhanarishwar श्रृंगार भी कहा जाता है, जिसमें शिव-पार्वती का संयुक्त रूप पूजा जाता है
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